फीस वृद्धि विवाद: पंजाब सरकार पर बढ़ा दबाव, पीयू अथॉरिटी के साथ बैठक
पीयू को जारी किए जाने वाले निर्धारित बजट से भले ही पंजाब ने चार साल से हाथ खींच रखे हों, लेकिन अब छात्रों के आंदोलन और लगातार इसी मसले पर यूनिवर्सिटी में बिगड़ते जा रहे हालात ने पंजाब पर दबाव बना दिया है। इसके चलते पंजाब सरकार ने मंगलवार शाम को पंजाब सचिवालय में पीयू अथॉरिटी से बैठक भी तय की है।
वहीं, पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी खुला ऐलान किया है कि आज भी पीयू में डिप्लोमा इन ह्ूमन राइट विषय काछात्र होने के नाते वह फीस वृद्धि के खिलाफ हैं और छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हैं। उनके अनुसार छात्रों की आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे।
पहले पंजाब ने तय बजट से कम दिए
दरअसल, पीयू के बजट में तय व्यवस्था के अनुसार पीयू को इंटरनल आय से अलग शेष बजट का 60 फीसद हिस्सा पीयू को केंद्र सरकार से आता है और 40 फीसदी पंजाब सरकार से। 2001 में पीयू को पंजाब ने 40 फीसदी हिस्सा जो 19.3 करोड़ बनता था, की जगह सिर्फ16 करोड़ ही दिए। बाद में पीयू का खर्च तो बढ़ता गया, लेकिन पंजाब की ओर से सिर्फ 16 करोड़ सालाना ही मिले।
एक बार बढ़ाई राशि फिर अदायगी ही बंद कर दी
10 साल बाद वर्ष 2011-12 में पीयू के बढ़ते घाटे को देखते हुए पंजाब सरकार ने 16 करोड़ बजट शेयर को 20 करोड़ कर दिया। लेकिन वर्ष 2013-14 में पंजाब सरकार ने इसकी अदायगी भी अचानक बंद कर दी। जिससे पीयू की आर्थिक हालत और खराब होते चले गए।