बच्चों के गेम के जंजाल में फंसने से पैरेंट्स भी चिंतित
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ब्ल्यू व्हेल ऑनलाइन गेम के खतरनाक प्रभावों पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न इस गेम पर और इससे जुड़े समाचार प्रकाशित करने पर रोक लगा दी जाए। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को भी 20 सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस एके मित्तल एवं जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने यह नोटिस इस मामले को लेकर एडवोकेट हितेश कपलिश द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि इस गेम को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया भी जाया समाचार प्रकाशित न करे, क्योंकि मीडिया के चलते ही यह गेम काफी चर्चा में आया है और कई ऐसे युवा भी अब इस गेम की गिरफ्त में फंस सकते हैं, जिन्हें अब तक इस गेम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। याचिका में बताया है कि, हाल ही में इस ऑनलाइन गेम के कारण देश में ही कई जगहों से युवाओं द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरें आ रही हैं। इस ऑनलाइन गेम का स्वरूप ही ऐसा है कि इसमें 50 दिनों के भीतर कई टास्क पूरे करने होते हैं और अंत में यह गेम इसे खेलने वाले के भीतर इतना दबाव पैदा देता है कि खेलने वाला मरने के लिए प्रेरित हो जाता है।
इसके चलते कुछ ही दिनों में कई युवा आत्महत्या कर चुके हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि हाल ही में इस खेल के जाल में फंस कई युवाओं द्वारा आत्महत्या किए जाने के कारण देश भर में बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों में चिंता बढ़ती जा रही है। बताया गया है कि इस गेम के कारण अब तक विश्वभर में 100 से ज्यादा युवा और किशोर अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता ने अब हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस ब्ल्यू व्हेल ऑनलाइन गेम पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए जाने की मांग की है।