बढेंगी राम रहीम की मुश्किलें, हत्या के मामलों में जल्द आएगा फैसला
गुमनाम चिट्ठी से यौन शोषण और हत्याओं के मामले में बदनाम डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें अभी और बढ़ेंगी। साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा सदस्य रंजीत सिंह की हत्या के मामले में 16 सितंबर से अंतिम दौर की बहस शुरू होगी।
हत्या के दोनों मामलों में गवाही का सिलसिला खत्म हो चुका है। दोनों हत्याएं डेरा में चल रही गैर कानूनी गतिविधियों के खुलासे की वजह से हुई थी। जिन पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इन मामलों की सुनवाई पहले साध्वी यौन शोषण मामले के साथ-साथ चल रही थी, लेकिन बाद में हत्या के मामलों की अलग से सुनवाई होने लगी।
साध्वी यौन शोषण मामले में सुनवाई भी पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही थी। इन मामलों में अब तक 50 से अधिक गवाहियां और 200 से अधिक पेशियां हो चुकी हैं। सुनवाई के दौरान करीब 50 फीसदी तारीखों पर डेरा प्रमुख अदालत में पेश नहीं हुए, जिनमें 80 फीसदी से अधिक बार मेडिकल ग्राउंड्स पर पेश नहीं हुए।
फैसले की उम्मीद में पीड़ित
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने सिरसा के डेरे में साध्वियों के यौन शोषण मामले को लेकर एक गुमनाम चिट्ठी को प्रकाशित किया था। इसके बाद अक्तूबर, 2002 में रामचंद्र छत्रपति की हत्या कर दी गई। जनवरी 2003 में मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। 28 अगस्त को यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा के बाद हत्याओं के मामलों में दोनों परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।