बात का खुलासा अली ने न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में किया
फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्म हमेशा ही लीक से हटकर होती है। इसके साथ ही उनकी फिल्मों में सूफीवाद की छाप भी मिलती है फिर चाहे वो फिल्म कोई भी क्यों न हो। हालांकि अपनी फिल्मों में सूफीवादी छाप को लेकर इम्तियाज का कहना है कि उनकी फिल्मों में सूफीवाद की झलक लाने के वो बिल्कुल भी कोशिश नहीं करते बल्कि फिल्म में वो अपने आप ही आ जाता है। इस बात का खुलासा अली ने न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में किया।
फिल्म ‘रॉकस्टार’ और उसके डायलॉग तो आपको याद ही होंगे जिसमें निर्देशक ने रूमी की रचनाओं को शामिल किया था। इसकी झलक फिल्म के उस संवाद में देखने को मिलती है जिसमें कहा गया है, ‘यहां से बहुत दूर, गलत और सही के पार, एक मैदान है। मैं वहां मिलूंगा तुझे’। इसके अलावा उनकी हालिया रिलीज हुई फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के डायलॉग में भी ये झलक साफतौर पर दिखाई दी।
‘रॉकस्टार’ के ‘नादान परिंदे’ गाने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी ने उन्हें रूमी का एक कलाम भेजा था और यही मेरी फिल्म के गाने की आधारशिला बना। हालांकि इम्तियाज ने ये भी कहा कि वो फिल्म लोगों के मनोरंजन