कैप्टन सरकार को भी अब बुजुर्गों का ख्याल आया है। बुजुर्ग माता-पिता को घर से निकालने पर संबंधित परिवार के मैंबर को जेल की हवा खानी पड़ेगी। कैप्टन सरकार ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल संबंधी एक्ट-2007 में संशोधन करने की तैयारी शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की एक विशेष बैठक इस मामले संबंधी हुई। बैठक में एक्ट में संशोधन को लेकर विशेष तौर पर चर्चा की गई। इसमें सजा के प्रावधान के साथ सरकारी कर्मचारी के वेतन में कटौती और गैर-कर्मचारी व्यक्ति के कारोबार की आमदन में कटौती की व्यवस्था किया जाना भी शामिल है।
बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल को यकीनी बनाकर उनके मान-सम्मान को कायम रखने के लिए एक्ट 2007 में संशोधन कर इसमें नई धाराएं शामिल करने के लिए दूसरे राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है। विशेष तौर पर असम में लागू एक्ट का अध्ययन किया जा रहा है। असम के एक्ट में कई सख्त धाराएं शामिल हैं और पंजाब सरकार के अधिकारी तो इससे भी सख्त धाराएं पंजाब के नए एक्ट में शामिल करने के हक में हैं। पंजाब में 2007 वाले एक्ट को 2008 में लागू किया गया था परंतु इसमें कोई सख्त व्यवस्था नहीं थी और सिर्फ ऐसे मामलों में डिप्टी कमिश्नर ही सुप्रीम है। इस एक्ट मुताबिक किसी प्रकार का ट्रिब्यूनल गठित नहीं किया गया जहां बुजुर्ग अपनी शिकायत कर सकें।