डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. को छोडने के बाद मैं काफी नर्वस था कि देश में इस खेल को प्रमोशन मिलेगी या नहीं। यह कहना है द ग्रेट खली के नाम से मशहूर डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. रैसलर दिलीप सिंह राणा का। वह सैक्टर-27 स्थित चंडीगढ़ प्रैस क्लब में रैसलिंग रेज इवैंट की प्रमोशन के लिए पंहुचे थे।
बातचीत में खली ने कहा कि उनका सपना था कि इस फाइटिंग इवैंट को भारत में लाया जाए। खली ने कहा कि 2015 के बाद वह इसे पूरा समय नहीं दे पाए। हालांकि उन्होंने माना कि वह जब यू.एस.ए. से वापस भारत इस फाइट इवैंट को प्रमोट करने आए तो विचार आया कि क्या भारत में इसे पसंद किया जाएगा।
लेकिन देशवासियों ने इसे अच्छा रिस्पांस दिया। प्रैसवार्ता में खली ने कहा कि आज 16-20 साल आयु के 95 प्रतिशत युवा इस फाइटिंग इवैंट को देखना पसंद करते हैं। साथ ही भारत के रैसलर भी डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. इवैंट में हिस्सा लेना पसंद कर रहे हैं।
हर जगह नहीं खोल सकते एकैडमी :
खली ने बताया कि भारत में डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. को प्रमोट करना चाहते हैं, लेकिन वह जगह-जगह अकादमी नहीं खोलेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी अकादमी में अभी देशभर से करीब 300 रैसलर कोचिंग ले रहे हैं। हरियाणा में एक अकादमी जरूर खोलेंगे, क्योंकि वहां खेल के प्रति युवाओं में खास जुनून है। खली ने बताया कि खेल से जुडऩे पर युवा नशे से दूर हो रहे हैं।
रैसलिंग रेज इवैंट 4 जुलाई से :
खली ने बताया कि रैसलिंग रेज इवैंट में अमरीकन रैसलर कैरमजन, कांगो, हांद्रे, कैटी, स्कारलेट और जैम्मी भी शामिल होंगे। इस इवैंट में 15 नामी विदेशी रैसलर हिस्सा ले रहे हैं। खली के मुताबिक हिमाचल में होने वाली दोनों फाइट अब तक इस रीजन में होने वाली सारी फाइट्स से बेहतर है।
इसमें करीब 25 भारतीय रैसलर भी हिस्सा लेंगे, जो विदेशी रैसलर्स को कड़ी चुनौती देंगे। खली ने बताया कि हिमाचल में दो फाइट होंगी। पहली फाइट मंडी के पड्डल मैदान में 4 जुलाई को होगी और दूसरी फाइट 7 जुलाई को सोलन के पुलिस लाइन ग्राऊंड में। इस बड़े आयोजन में हिमाचल सरकार भी मदद कर रही है।
देसी पहलवान भी लेंगे हिस्सा :
खली ने बताया कि उनकी अकादमी में शैंकी, सुखी, सतिंद्र और लवप्रीत जैसे कई ऐसे रैसलर हैं जो अच्छी कद काठी के हैं लेकिन उन्हें अभी तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौका नहीं मिल सका है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. के कुछ बड़े लोग इसलिए भी सी.डब्ल्यू.ई. के खिलाडिय़ों को नहीं लेते, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे इंडिया या उनकी अकादमी को लाभ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि लोग उत्साह दिखा रहे हैं और हम विदेशी रैसलर्स को इंडिया बुलाकर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। ऐसे में भारत में डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. का भविष्य बेहतर है।