2 साल में आवारा पशुओं को लेकर नगर निगम को दी 40 शिकायतें, कोई कार्रवाई नहींं
दुर्ग्याणा प्रबंधक कमेटी की आवारा पशुओं को लेकर दो साल में की गई 40 शिकायतों पर नगर निगम की ओर से कार्रवाई न करना बुधवार को लोकल बॉडीज मिनिस्टर नवजोत सिद्धू पर भारी पड़ जाता। हाथीगेट से दुर्ग्याणा मंदिर तक प्रस्तावित हेरिटेज वॉक प्रोजेक्ट का जायजा लेकर बुधवार दोपहर जैसे ही सिद्धू मंदिर से बाहर निकले, भीड़ में एक सांड घुस आया। गनमैनों ने फुर्ती दिखाते हुए सिद्धू को एक तरफ खींचकर बचाया। जिस समय ये वाकया हुआ, उस समय लोकल बॉडीज सेक्रेटरी ए. वेणुप्रसाद, डीसी कमलदीप संघा, मेयर कर्मजीत रिंटू और कमिश्नर सोनाली गिरि वहीं मौजूद थे।
डीसी, मेयर और कमिश्नर की मौजूदगी में मंदिर के गेट पर हुई घटना
दोपहर 1.48 बजे सिद्धू, मेयर, लोकल बॉडीज सेक्रेटरी और कमिश्नर मंदिर कमेटी के साथ मीटिंग कर बाहर निकले। प्रवेशद्वार पर उनके इंतजार में कुछ पत्रकार और लोग खड़े थे। 1.49 बजे जैसे ही सिद्धू बाहर निकलकर बूट पहनने लगे, मंदिर के प्रवेशद्वार की बायीं तरफ से सांड भीड़ में घुस आया। गनमैनों ने एक तरफ खींचकर सिद्धू को बचाया। सांड को देखकर लोगों में अफरा-तफरी मच गई। सांड की टक्कर से कुछ पत्रकार गिर भी गए। हालांकि किसी को गंभीर चोटें नहीं आईं। इसके बाद सिद्धू और दूसरे अफसर गाड़ियों में बैठकर चले गए। उसके दो मिनट बाद सांड लौटकर प्रवेशद्वार पर बनी चरणगंगा का पानी पीने लगा।
आसपास के डेयरीवाले खुले छोड़ते हैं पशु, निगम इन्हें बंद करवाए
तनेजा दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी के सचिव हरीश तनेजा के मुताबिक दो साल में निगम को आवारा पशुओं के बारे में 40 शिकायतें दी गईं। मंदिर के पास दशहरा ग्राउंड के इर्द-गिर्द डेयरियां चलती हैं, नियमानुसार इन्हें निगम की हद से बाहर होना चाहिए। डेयरीवाले पशु खुले छोड़ देते हैं, जो मंदिर परिसर में बैठे रहते हैं। तनेजा ने सिद्धू के साथ-साथ मेयर और कमिश्नर से अपील की कि मंदिर की मर्यादा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस समस्या से छुटकारा दिलाया जाए।