14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन इस बार कई दुलर्भ महासंयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस दिन अगर आप ये सभी उपाय करेंगे तो किस्मत बदल सकती है।
सेक्टर-30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख पंडित बीरेंद्र नारायण मिश्र बताते हैं कि 14 जनवरी को सूर्यदेव सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। संयोग की बात है कि संक्रांति रविवार के दिन पड़ रही है। रविवार के दिन मकर संक्रांति का होना एक दुर्लभ संयोग है। 70 वर्ष बाद संक्रांति पर एक बड़ा महासंयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि एवं रवि प्रदोष का योग भी बन रहा है।
बीरेंद्र नारायण मिश्र बताते हैं कि इस बार की मकर संक्रांति परिजात योग में है। साथ ही त्रयोदशी जैसा महासंयोग भी बन रहा है। जिस कारण इस दिन पूजन व दान का कई गुना लाभ प्राप्त होगा। मकर संक्रांति के दिन किया गया दान कई गुना फलदायी होता है। इस दिन उड़द दाल में खिचड़ी बना कर दान करें। सरसो के तेल में पूड़ियां तल के कुत्ते को खिलाने से लाभ मिलता है। गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें।
मिश्र बताते हैं कि 14 जनवरी को एक बजकर चालीस मिनट पर वृष लग्न में सूर्य धनु राशि से मकर राशि पर प्रवेश करेगा। मकर राशि पर सूर्य का मिलन केतु के साथ 18 साल के बाद हो रहा है। इससे पूर्व यह संयोग 14 जनवरी 2000 में बना था। मकर संक्राति के साथ ही खरमास की भी समाप्ति होगी और सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण आ जाएंगे। पुण्य काल सुबह सात बजकर बाइस मिनट से पूरे दिन रहेगा।
14 जनवरी को सूर्य मकर राशि पर संक्रमण के साथ माघ कृष्ण त्रयोदशी तिथि मूल नक्षत्र वणिज करण ध्रुव योग, रविवार व मकर राशि पर तीन ग्रही योग-सूर्य, शुक्र, केतु का संचार रहेगा। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण रहेंगे और सूर्य की यह स्थिति छह माह तक कायम रहेगी। यूं तो उत्तरायण में शुभ मुहूर्त विवाह आदि प्रारंभ हो जाते हैं। लेकिन 15 दिसम्बर 2017 से एक फरवरी 2018 के मध्य शुक्रास्त होने से मुहूर्तों का अभाव अभी बना रहेगा।
मिश्र बताते हैं कि मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।
मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है। बता दें कि एक वर्ष में सूर्य क्रम से प्रत्येक राशियों में भ्रमण करते हैं। राशि बदलने की प्रक्रिया को ही संक्रांति कहा जाता है।