चंडीगढ़ कार्निवाल में जहां एक ओर लोगों के लिए मस्ती का मेला है तो वहीं मेला कई परिवारों के लिए खुशियों का संगम भी रहा। इस मेले में अपनी आजीविका तलाशने आए कलाकारों ने खुद को बहरूपिया बनाया तो वहीं सात साल की बच्ची का करतब उसके परिवार की रोजी-रोटी बना।
वहीं कलाकार भी लाइव पोट्रेट तैयार कर रहे थे। तीन दिवसीय कार्निवाल मेले का रविवार को आखिरी दिन रहा। दो दिन के मुकाबले रविवार को यहां ज्यादा भीड़ देखने को मिली। दूर-दूर से आए लोग मेले में मौजूद रहे। चारों तरफ खुशनुमा माहौल देखा गया। बच्चे फलोट्स पर सवारी करते नजर आए।
छोटी बच्ची करती रही मनोरंजन
मेले में महज सात साल की लड़की ऐसे हैरतअंगेज खेल करती दिखाई दी जो बाजीगर ही कर सकते हैं। इस लड़की का नाम जमुना है, जो बिलासपुर छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। जमुना के परिवार का कहना है, उनकी पीढ़ियां यही काम करके घर का गुजारा चलाती थी। उनका मन करता है कि उनकी बेटी पढ़ने जाए पर क्या करें मजबूर हैं। वह नहीं चाहती हैं कि सात साल की लड़की से ऐसे काम करवाए। लेकिन क्या करें पेट का सवाल है।
पुलिस ने बताए यातायात से जुड़े नियम
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस की ओर से मेले में एक स्टॉल लगाया गया जिसमें यातायात के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम किया गया। कांस्टेबल पवन कुमार ने बताया कि पिछले साल लोगों को यातायात संबंधी नियमों का ज्यादा मालूम नहीं था।
इसी कारण 2016 में 138 सड़क दुघर्टनाएं घटी जबकि जागरूक अभियान चलाने से लोगों को नियमों का पता चल पाया है। इस साल का सड़क दुघर्टनाओं का आंकड़ा 98 हुआ है। कांस्टेबल राजीव कुमार ने लोगों को लाइसेंस संबंधी जानकारी और उसमें हुए संशोधन के बारे में बताया।
जादूगरी और हिमाचल का कांगड़ी गिद्दा साथ-साथ
चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जादूगरी के साथ हिमाचल की शादियों में किया जाने वाला प्रमुख नृत्य कागड़ी गिद्दा देखा गया। इस नृत्य को सरस्वती स्वर संगम नामक ग्रुप की ओर से पेश किया गया।
ग्रुप की कलाकार शिवानी शर्मा ने बताया हिमाचल के नृत्यों में झमाकड़ा, गुजरी और कागड़ी गिद्दा ज्यादा पसंद किया जाता है। इसी मंच पर नन्हें कलाकार आतिया और अवशा ने भी लव यू जिंदगी गाना गाकर धूम मचा दी।