चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बना बूचड़खाना किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। बूचड़खाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी यहां एकत्रित होते हैं, जिससे विमान से पक्षी टकराने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए यह बात कोर्ट के समक्ष रखी।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने कोर्ट को बताया कि एयरपोर्ट के पास पिछले कुछ महीनों से अवैध निर्माण बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा यहां जो अन्य निर्माण कार्य हो रहे हैं, उनके कारण बारिश में एयरपोर्ट से पानी का जो प्राकृतिक बहाव है, उसमे बाधा खड़ी हो रही है।
अब अगर यहां भारी बारिश हुई तो एयरपोर्ट पर जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है। वहीं एक बूचड़खाना भी एयरपोर्ट के नजदीक शुरू हुआ है । इसके चलते यहां पर पक्षियों की तादाद बढ़ेगी जो कभी भी किसी विमान से टकरा सकते हैं और यह टकराव किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
कोर्ट को बताया गया कि हाल ही में बर्ड हिट के दो मामले में सामने आ चुके हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि जनवरी से लेकर अब तक उसने कई बार पंजाब सरकार को कार्रवाई के लिए कहा था। बावजूद इसके अभी तक पंजाब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसकी हाईकोर्ट को जानकारी दी। इस जानकारी पर चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि यह एयरपोर्ट सभी का है।
ऐसे में सभी को आपसी तालमेल के साथ ही मामले में काम करना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि वह पहली बार इस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। लिहाजा उन्हें एक पूरे मामले की संक्षिप्त में अगली सुनवाई से पहले जानकारी दी जाए ताकि वह अगली सुनवाई से उचित निर्देश जारी कर सके।
एयरपोर्ट पर कैट-3 सुविधा पर बनी सहमति
केंद्र सरकार ने बताया कि इस एयरपोर्ट पर हर तरह के मौसम में भी विमान उतर सकें उसके लिए कैट-3 सुविधा पर अब सभी पक्षों में सहमति बन गई है। अब जल्द ही इसके इंस्टालेशन का काम शुरू किया जा सकता है। इसके लिए अब अब कुछ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है जो पंजाब के हिस्से में आती है। जिसका अधिग्रहण पंजाब सरकार जल्द ही शुरू करेगी।