Ram Rahim Dera

राम रहीम को सजा के बाद हिंसा, जमानत के बावजूद नहीं रिहा होंगे 11 डेरा प्रेमी

बरेटा थाना पुलिस में 25 अगस्त कोे दर्ज मुकदमे में नामजद कथित आरोपियों में से 11 की जमानत होने के बावजूद वह अभी जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे। जमानत देने संबंधी जारी आदेशों में लिखित गलती होने से अब हाईकोर्ट में छुट्टियां खत्म होने तक उनको जेल में ही रहना पड़ेगा।

गांव बख्शीवाला में 25 अगस्त को भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड के जनरेटर को आग लगाने की घटना घटी थी। इस संबंधी मुकदमा नंबर 90 दर्ज कर इसमें डेरा प्रेमियों को नामजद किया गया था।

मुकदमे में नामजद लोगों में से करीब 4 माह से मानसा की जेल में बंद हरदीप सिंह निवासी गांव भावा, बलविंद्र सिंह वासी गांव भावा, नरेश कुमार वासी बरेटा, अमरजीत सिंह वासी गांव अकबरपुर खुडाल, मोहन सिंह, अमरीक सिंह, गमदूर सिंह वासी गांव किशनगढ़, केवल सिंह, हाकम सिंह, मग्घर सिंह व हरबंस सिंह काला वासी बरेटा की जमानत 22 दिसंबर को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से मंजूर कर ली गई थी।

अदालती आदेशों में लिखित गलती बनी रुकावट

हाईकोर्ट की ओर से जमानत संबंधी दी हुकमों की कॉपी ट्रायल कोर्ट मानसा में पहुंचने पर पता लगा कि उसमें धारा 188 व 120 बी लिखने से रह गई थी। इसके अलावा कथित आरोपी बलविंद्र सिंह के पिता का नाम बलकार सिंह के बजाय बिक्कर सिंह और गमदूर सिंह के पिता का नाम अमोलक सिंह की अमलोक सिंह लिखा हुआ था। यह लिखित गलतियां ध्यान में आने के बाद उक्त लोगों की रिहाई संबंधी मानसा अदालत में होने वाली कार्रवाई मुकम्मल नहीं हो सकी।

लिखित गलतियों में शोध करने के लिए मानसा अदालत में दरखास्त दाखिल की गई है। इस पर बनती कार्रवाई पूरी होने के बाद यह फाइल फिर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जाएगी। वहां पर लिखित गलतियों की शोध होने के बाद हुकम जारी किए जाएंगे।

इस तरह जमानत के हुकम हो जाने के बावजूद उक्त डेरा प्रेमियों की फिलहाल रिहाई नहीं हो सकेगी। सीनियर एडवोकेट लखविंद्र सिंह सिद्धू ने बताया कि उक्त अनुसार हुई लिखित गलतियों की शोध 8 जनवरी 2018 को छुट्टियां खत्म होने के बाद हाईकोर्ट खुलने के बाद ही हो सकेगी। इसलिए उतना समय उक्त सारे व्यक्तियों को मानसा जेल में ही रहना पड़ेगा।

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