रायगढ़ के रहने वाले मीनकेतन बघेल यहां पर
बेशक उनके दिल में दर्द है पर अपने हुनर से आपके ड्राइंग रूम शोभा बढ़ाते हैं। यह हैं छत्तीसगढ़ के आर्टिस्ट। चंडीगढ़ सेक्टर-15 के लाजपत राय भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प प्रदर्शनी में ऐसे ही आर्टिस्ट हैं जिन्होंने खुद अपने प्रोडक्ट तैयार किए हैं। यहां बेलमेटल, वाट आयरन, गोदना आर्ट और बंबू से तैयार किए गए सजावटी आइटम हैं। इन आइटम की कीमत भी पचास रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक है। इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है छत्तीसगढ़ हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट बोर्ड ने।
रायगढ़ के रहने वाले मीनकेतन बघेल यहां पर ढोगरा आर्ट लेकर आए हैं। उनके प्रोडक्ट मेडल के हैं। उन्होंने बताया कि हाथी, लैंप, हिरण के पीतल के डेकोरेटिव पीस तैयार करने के लिए वह पहले लकड़ी की मोल्डिंग तैयार करते हैं। उसके भीतर वह पिघलाकर मोम डाल देते हैं। फिर जब मोम एक शेप ले लेता है तो उसको जला देते हैं और उस सांचे में पीतल को पिघलाकर डाल देते हैं। यह काम करने में चार दिन का समय लगता है। मीनकेतन ने कहा कि उनके प्रोडक्ट अब विदेश तक में प्रसिद्ध हो चुके हैं। उन्होंने गणेश म्यूजिक सेट और दीपदान जैसे बेहतरीन आइटम तैयार किए हैं।
जमुना बाईगीता बताती हैं कि उन्होंने पेन होल्डर, पेपर रखने का बाक्स और लैंप आदि तैयार किए हैं। माधुरी ने बताया कि वह बुंबू बाक्स और बंबू के कई प्रोडक्ट लेकर आई हैं। इसमें डलिया और पेन होल्डर जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। इसी प्रदर्शनी में आईं समली बघेल ने बताया कि वह सेमल के पेड़ से लकड़ी निकालकर प्रोडक्ट तैयार करती हैं। इसके साथ ही यहां टेराकोटा के प्रोडक्ट भी हैं। प्रदर्शनी में गोदना आर्ट से तैयार साड़ी भी लोगो का दिल जीत रही है। जिसको आदिवासी महिलाएं सात दिन में तैयार करती हैं। इन साड़ियों की खूबी है कि उनके ऊपर चढ़ाने के लिए रंग भी वह खुद तैयार करती हैें और डिजाइन के लिए ब्रश का इस्तेमाल करती हैं।