वनडे मैचों में हाल ही में लगे रनों के अंबार से चिंतित मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इस फॉर्मेट में दो नई गेंदों के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि यह नाकामी को न्यौता देने जैसा है जिस पर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी सहमति जताई. इंग्लैंड ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में सर्वोच्च स्कोर बनाया.
तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, “वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल नाकामी को न्यौता देने जैसा है. गेंद को उतना समय ही नहीं मिलता कि रिवर्स स्विंग मिल सके. हमने डैथ ओवरों में लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी.” कोहली ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कि पिच के सपाट होने पर यह गेंदबाजों के लिए लगातार ‘बेहद कड़ा’ बन गया है.
कोहली ने कहा, “मुझे लगता है कि यह गेंदबाजों के लिए बेहद कड़ा बन गया है. मैंने तब भी वनडे क्रिकेट खेली थी जब केवल एक नई गेंद का उपयोग होता था और पारी के आखिरी क्षणों में रिवर्स स्विंग बड़ा कारक होता था जो कि एक बल्लेबाज के तौर पर मुझे लगता है कि अधिक चुनौतीपूर्ण था.”
इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट पर 481 रन बनाए थे. अगले वनडे में 312 रन का लक्ष्य 45 ओवरों में हासिल कल लिया. रिवर्स स्विंग के महारथी पाकिस्तान के वकार युनूस ने तेंदुलकर का समर्थन करते हुए कहा, “यही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते. सभी रक्षात्मक खेलते हैं. सचिन से पूरी तरह सहमत हूं. रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है.” आईसीसी ने अक्टूबर 2011 में वनडे में दो नई गेंदों का प्रयोग शुरू किया था.