हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में भर्ती घोटाले में जांच में जुटी एस.आई.टी. के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी व्हाट्सएप से एक-दूसरे के साथ शेयर करते थे। चाहे वह किसी कैंडीडेट का रोल नंबर हो या मोबाइल नंबर।
वीरवार को पुलिस ने गिरोह के अनिल कुमार को कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने रिमांड के दौरान 2 लाख व अन्य सामान उसकी निशानदेही पर बरामद कर लिया है। अनिल कुमार की ड्यूटी हरियाणा कर्मचारी आयोग की सीक्रेट ब्रांच में थी।
इंटरव्यू से एक दिन पहले रोल नंबर होते थे व्हाट्सएप
आरोपी अनिल कुमार ने एम.पी.एच.डब्ल्यू. की लिस्ट में नाम नहीं आने की बात एक शख्स से कही थी। फिर उस शख्स ने कहा कि वह उम्मीदवार को ई.एस.आई. विभाग दिलवाना चाहता है। जो भी लेना-देना हो, वह हो जाएगा। तब अनिल ने उससे कहा था कि उम्मीदवार का नम्बर व्हाट्सएप कर दो।
आरोपी बलवान को भी एक शख्स ने फोन किया था, फोन करने वाले शख्स ने बलवान को कहा कि क्लर्क की भर्ती में 2 कैंडिडेट लगवाने है। इस पर बलवान ने उसे एक कैंडिडेट के 4 लाख के रेट की बात कही और कहा कि हम इसके इंटरव्यू में 18 से ऊपर नंबर लगवा देंगे। उसी समय दूसरे शख्स ने बलवान को कहा कि हमारे 50-50 हजार रुपए तो बनने चाहिए।
एक ऐसे फोन की रिकार्डिंग भी पुलिस के पास है, जिसमें आरोपी बलवान किसी रोहताश का जिक्र कर रहा है व कह रहा है कि रोहताश की लड़की के 152 नंबर थे, टैस्ट में 20 नंबर लगवा दिए, फिर भी सिलेक्शन नहीं हुई। एक अन्य कॉल में बलवान कह रहा है कि अगर आपके बंदे को उसकी पसंद के 3 डिपार्टमेंट में से कोई मिल गया या फिर इंटरव्यू में 15 से ज्यादा नंबर लगे तो रुपए देने पड़ेंगे। यही नहीं बलवान ने एक जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार को नौकरी लगवाने के एवज में 7 लाख की मांग की।