शहर में प्रतिदिन 450 टन कचरा निकलता है और इन 300 डस्टबिन
शहर में जगह-जगह रखे 300 बड़े डस्टबिन अंडरग्राउंड किए जाएंगे। ताकि खुले में गंदगी नहीं दिखे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम कमिश्नर ने सलाहकार कंपनी को इसके लिए संभावनाएं तलाशने को कहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो कंपनी फाइनल की गई है, उसके प्रतिनिधि नगर निगम कार्यालय में ही बैठते हैं। कमिश्नर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ हैं।
शहर में प्रतिदिन 450 टन कचरा निकलता है और इन 300 डस्टबिन के माध्यम से ही नगर निगम इसे गारबेज प्लांट और डपिंग ग्राउंड में पहुंचाता है। शहर के हर सेक्टर में यह डस्टबिन पड़ा हुआ है। कई बार जानवर भी इन डस्टबिन से कचरा बाहर निकाल देते हैं। बारिश के दिनों में दुर्गंध भी बढ़ जाती है।
इसलिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इन डस्टबिन को अंडरग्राउंड बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। निगम अफसरों के अनुसार, कुछ लोग लिफाफे में कचरा रखकर दूर से ही डस्टबिन के पास फेंक देते हैं। इससे कचरा बाहर ही फैला रहता है। निगम कमिश्नर बी पुरुषार्था का कहना है कि अंडरग्राउंड डस्टबिन करने की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है।
बाजारों में लगे डस्टबिन में व्यापारी नहीं गिरा सकते दुकान का कचरा
बाजारों में रखे छोटे डस्टबिन में व्यापारी दुकान का कचरा नहीं गिरा सकते। निगम ने इस पर पाबंदी लगा दी है। ऐसा करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई भी होगी। नगर निगम के अनुसार यह डस्टबिन सिर्फ बाजार में आने वाले ग्राहकों के लिए हैं। हाल ही में प्रशासन ने घर के बाहर गंदगी फैलाने वाले का 5 और कामर्शियल एरिया में दुकान के बाहर कचरा फेंकने वाले पर 10 हजार रुपये का जुर्माना तय किया है।