सैक्टर-42 में करोड़ों खर्च कर बनाई गई आर्टिफिशल लेक इन दिनों डम्पिंग एरिया बानी हुई है। जहां बीचों-बीच कूढ़े के ढेर लगे हैं और बदबू का आलम है। आने वाले सैनानी हालत देख हैरान है। दरअसल इस लेक में पूजा सामग्री का विसर्जन किया जाता है और हाल ही में गणेश पूजा, दुर्गा पूजा, नवरात्र जिससे कई धार्मिक त्यौहारों पर यहां मूर्तियां व पूजा सामग्री विसर्जित की गई थी लेकिन उसके बाद लेक की सफाई नहीं हुई न ही गंदे पानी की निकासी की गई जबकि पूजा व विसर्जन के बाद तुरंत लेक का पानी छोड़ दिया जाता है और सफाई कर इसे पुन: भरा जाता है। इस बार ऐसा नहीं किया। इसके चलते इस सुन्दर लेक का हाल बेहाल है।
सैक्टर-42 की वैकल्पिक लेक की हालत देख स्थानीय पार्षद हरदीप सिंह ने भी प्रशसन की कड़े शब्दों में निंदा है। सैक्टर-42 लेक की देख रेख व सफाई का जिम्मा नगर निगम का नहीं बल्कि प्रशासन का है । कई बार प्रशासन के संबंधित विभाग को सफाई के लिए कह चुके हैं लेकिन विभाग ने एक नहीं सुनी। सोमवार इस बारे प्रशासन को शिकायत करेंगे।
लेक पर सैर करने आए राजिंद्र पाल ने बताया कि उनके घर मेहमान आए थे जिन्हें धनास से लेक दिखाने आए थे और देखा कि वहां गंदगी का आलम है। उन्होंने भी मांग की है कि लेक को तुरंत साफ किया जाए। पास ही एक संस्थान में पढ़ाई कर रही छात्राओं ने भी लेक के इन हालातों से हताश दिखी। सिम्मी व बबिता राणा का कहना था कि 10 दिनों से लेक का यही हाल है जबकि वह दो वर्षों से हर शाम को यहां टहलने आती हैं।