अगले वर्ष सुखना लेक के वाटर लेवल को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की चिंता बेशक दूर हो गई हो, लेकिन एक परेशानी अभी भी अधिकारियों के लिए बनी हुई है। हाईकोर्ट से बार-बार फटकार खाने के बावजूद यू.टी. प्रशासन सुखना लेक से वीड को हटाने के लिए पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाया है।
यही वजह है कि अगले साल लेक में फिर से यही परेशानी प्रशासन की फजीहत न करा दे इससे निपटने के लिए ऑफिसर्स ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल अभी तो लेक का वाटर लेवल इतना अधिक है कि वीड काफी मुश्किल से दिख रही है लेकिन जब वाटर का लेवल कम होगा तो वीड लेक की खूबसूरती को फिर बिगाड़ देगी।
इस परेशानी से निपटने के लिए इंजीनियरिंग विभाग ने लेक की वीड हटाने का प्रोसैस जारी रखा हुआ है। इसके लिए विभाग की ओर से टैंडर लगा दिया गया है। जानकारी के अनुसार लगभग 5 लाख रुपए वीड निकालने के काम पर खर्च किए जाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार सर्दियों में भी प्रशासन द्वारा वीड निकालने का काम जारी रखा जाएगा। जिससे आगामी गर्मियों में इस समस्या से छुटकारा पाया जा सके।
आसान नहीं होगा प्रोसैस
गर्मियों में जब लेक का रैगुलेट्री एंड का एरिया पूरी तरह से सुख चुका था तो लेक से वीड निकालने का काम आसानी से हो सकता था। उस समय तो प्रशासन ने कछुए की चाल से वीड निकालने का काम किया अब जबकि लेक का वाटर लेवल 1160 के नजदीक है तो यह काम आसान नहीं होगा, क्योंकि इस समय वीड भी पूरी तरह से नजर नहीं आ रही है ऐसे में वीड को पूरी तरह से हटाने का काम लगभग नामुमकिन हो चुका है।
गाद निकालने का काम भी रूका
सुखना लेक की गाद निकालने के लिए भी इंजीनियरिंग विभाग ने देरी से कदम उठाए। इस साल जून में विभाग की ओर से लेक से गाद निकालने के लिए 18 लाख रुपए में एक कंपनी को काम दिया गया था। उससे पहले तक सुखना के बर्ड वाचिंग एरिया सहित एक हिस्सा पूरी तरह से सूख चुका था, लेकिन गाद निकालने का काम भी शुरू नहीं हो पाया। अब जबकि लेक पूरी तरह से भर चुकी है तो गाद निकालने का काम भी रूक चुका है।