स्वाइन फ्लू से महिला की मौत
शहर में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को स्वाइन फ्लू से मलोया की रहने वाली 60 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि पीजीआई के तीन डॉक्टर इसकी चपेट में आ गए हैं। ये डाक्टर नेफरोलाजी, पीडियाट्रिक और साइकेट्री डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। चंडीगढ़ में अब तक कुल 11 केस दर्ज किए जा चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चंडीगढ़ में बीमारी का प्रसार शुरू हो चुका है। लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने फील्ड सर्वे भी शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 60 वर्षीय महिला मलोया की रहने वाली है। स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने पर उसे जीएमएसएच 16 में लाया गया। हालत खराब होने पर उसे जीएमसीएच 32 भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई। स्वाइन फ्लू से होने वाली यह दूसरी मौत है। इससे पहले सेक्टर 37 में एक महिला की मौत हो गई थी। उसे पीजीआई में दाखिल कराया गया था। वेंटीलेटर पर होने केबाद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
बचाव के लिए लगवाएं टीका
शहर में अब तक स्वाइन फ्लू के छह मरीज आ चुके हैं। इनमें से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। स्वाइन फ्लू का सबसे खतरा उन लोगों में सबसे ज्यादा है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इनमें मुख्य रूप से डायबिटीज, कैंसर और हार्ट के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा सीनियर सिटीजन को भी स्वाइन फ्लू का खतरा है। पीजीआई के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डाक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीजों को स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका लगवा लेना चाहिए। इससे काफी हद तक बचाव होता है। मार्केट में स्वाइन फ्लू के टीके उपलब्ध हैं। डाक्टर के परामर्श के बाद टीके लगवा सकते हैं। स्वाइन फ्लू के मरीज का इलाज करने वाले डाक्टर व नर्स को टीके लगाने की हिदायत दी जाती है। डाक्टरों का कहना है कि टीके के लिए यही वक्त सबसे बेहतर है।