बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान द्वारा शुरू किया गया अभियान अब प्रदेश सरकार ने अपना लिया है। इसके तहत बेटी के जन्म पर घर के बाहर उसके नाम की नेम प्लेट लगाई जाएगी। जागलान ने 2015 में यह अभियान शुरू किया था। इससे पहले भी उनके द्वारा शुरू किए गए अभियानों को सरकार अपना चुकी है।
सुनील जागलान ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है, कि गांवों में बेटियों के जन्म पर महिला एवं बाल विकास विभाग दरवाजे पर कन्याओं के नाम की नेम प्लेट लगाएगा। जागलान के अनुसार उन्होंने इससे पहले महिलाओं के सशक्तीकरण, पंचायतों को उनके अधिकार दिलाने व हाईटेक बनाने के लिए शुरू किया गया अभियान प्रदेशभर में लागू हो चुका है।
आठ साल पहले उन्होंने पंचायतों को हाईटेक बनाने की शुरूआत पंचायत की वेबसाइट बनाकर की थी। इसके तहत 2015 में केंद्र सरकार ने सभी पंचायतों के डिजिटलाइजेशन करने की घोषणा कर दी। देश की करीब 2.50 लाख पंचायतों में से अधिकतर की अपनी वेबसाइट बन चुकी हैं। जागलान के अनुसार उन्होंने 2012 में कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर पहली महिला ग्राम सभा और महाखा पंचायत जिसमें पहली बार महिलाओं ने भागीदारी की और आवाज बुलंद की।
इस पर पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव ऋषिकेश पांडा ने पत्र जारी कर सभी पंचायतों को महिला ग्राम सभा बैठकें आयोजन करने के निर्देश दिए। 2012 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की गांव से शुरूआत की। इसके परिणाम स्वरूप 2015 में केंद्र सरकार ने इसे देशभर में लागू करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि नौ जून 2015 को बीबीपुर गांव से सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरूआत की। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की सराहना की और बाद में देशवासियों से अपनाने की अपील की।