हाईकोर्ट ने पूछा-लोगों को क्यों काट रहे हैं स्ट्रे डॉग्स
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्ट्रे डॉग्स के मामले में शुक्रवार को यूटी प्रशासन को आड़े हाथों लिया। अदालत ने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम और यूटी प्रशासन दावा कर रहे हैं कि कुत्तों की नसबंदी की, लोगों को जागरूक किया तो फिर क्यों अखबार रोजाना डॉग बाइट की खबरों से भरे आ रहे हैं। हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए आदेशों के पालन की रिपोर्ट अगली सुनवाई पर सौंपने को कहा है।
प्रशासन ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उसे इस बारे में जवाब देने के लिए समय दिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी तक आपने किया क्या है। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि 9 हजार कुत्तों की नसबंदी की गई और यह अभी जारी है। हाईकोर्ट ने कहा, हमें आंकड़े नहीं बल्कि काम चाहिए। आखिर क्यों लोग स्ट्रे डॉग्स का शिकार हो रहे हैं।
प्रशासन ने बताया कि अधिक गर्मी में कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं और वे हमला कर देते हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि क्या पहले से प्रशासन को पता नहीं था कि इस दौरान इस प्रकार की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसके लिए पूर्व में व्यवस्था क्यों नहीं की गई। हाईकोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिए कि वह लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए काम करे। विज्ञापन निकाले जाएं। युवा तो फिर भी इस प्रकार की समस्या से कुछ हद तक निपट लेंगे, लेकिन बच्चों का क्या होगा।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ के गृह सचिव अनुराग अग्रवाल, एमसी कमिश्नर व निदेशक स्वास्थ्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। चंडीगढ़ निवासी आरपी सिंह ने अवमानना याचिका दायर कर स्ट्रे डॉग्स की समस्या का समाधान पाने में प्रशासन को फेल बताया था। मामले में हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि आदेशों का पालन नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में प्रशासन और निगम के अधिकारियों को दोषी ठहराया जाएगा और उन पर अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि हाईकोर्ट के आदेशों पर जो कमेटी गठित की गई है, उसके सुझावों पर भी गौर किया जाए।