17 वर्षीय हिमांशी ने अब तक लगभग 30 पदक जीत चुकी हैं।
17 वर्षीय हिमांशी ने अब तक लगभग 30 पदक जीत चुकी हैं। भारत में 25 पदक (13 स्वर्ण, 5 रजत और 7 कास्य) और बाकी पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर (1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कास्य) जीते है। 12वीं कक्षा की छात्रा अपने पुरस्कारों की लिस्ट में एक ओर पुरस्कार राष्ट्रीय वूमेन पावर पुरस्कार 2018 जोड़ने जा रही हैं। हिमाशी के अनुसार पहले आलसी कहा जाता था, कभी-कभी भी ताना मार दिया जाता था कि वह कुछ नहीं कर सकती, लेकिन उसकी मा अमिता मारवाह ने उसको उसकी पावर का अहसास करवाया, जिसकी बदौलत वह न केवल भारत में कई पदक जीत पाई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक पांच पदक जीत चुकी हैं। ब्लैक बेल्ट हिमाशी को ताइक्वांडो के अलावा आर्ट एंड क्राफ्ट से भी प्यार है। दिल्ली पब्लिक स्कूल के न केवल छात्र, बल्कि शिक्षक भी हिमांशी के हुनर से प्रभावित हैं। दिल्ली पब्लिक स्कूल पिंजौर के प्रधानाचार्या अमिता ढाका बताती हैं कि उन्हे हमेशा गर्व होता है, जब हिमाशी को उसके सपने पूरा करने के लिए पीछा करता देखती हूं। मार्शल आर्ट्स जैसे खेल में आगे बढ़ना वास्तव में मुश्किल है, लेकिन उसने यह कर दिखाया है। इसके अलावा वह अच्छी आर्टटिस्ट हैं। एक शाति की एक संयम से हर चीज का मुकाबला करती हैं। इस तरह के छात्र के शिक्षक को वास्तव में स मान का अनुभव होता है।